मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने राजनांदगांव में चल रही आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के आदेश जारी किए हैं। भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया।
क्या है गड़बड़ी?
राजनांदगांव में आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के गंभीर मामले सामने आए हैं। एसपी मोहित गर्ग के निर्देश पर इस मामले में लालबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी के कर्मचारियों और कुछ पुलिसकर्मियों को संदेह के दायरे में रखा गया है।
गोला फेंक में अनियमितता
भर्ती प्रक्रिया के गोला फेंक इवेंट में एक महिला अभ्यर्थी को 20 अंक दिए गए। जांच में सामने आया कि अभ्यर्थी ने 8.117 मीटर गोला फेंका था, लेकिन मैनुअल रजिस्टर में इसे गलत तरीके से 5.88 मीटर दर्ज किया गया। इस गड़बड़ी के चलते अभ्यर्थी का प्रदर्शन गलत तरीके से दर्ज हुआ।
टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी के कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि महिला अभ्यर्थी ने पहली कोशिश में 8 मीटर से अधिक गोला फेंका था, लेकिन दूसरी बार का प्रयास फर्जी निकला। नियमों के अनुसार दूसरा प्रयास असंभव था।
एफआईआर दर्ज
एसपी मोहित गर्ग के निर्देश पर लालबाग थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3) और 340(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। एफआईआर में तकनीकी टीम, कुछ पुलिसकर्मियों और अन्य कर्मचारियों को संदेह के घेरे में रखा गया है।
भर्ती प्रक्रिया पर दोबारा जांच होगी
आईजी दीपक झा की रिपोर्ट के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। साथ ही, मामले की गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं। गृह मंत्री विजय शर्मा ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।