लव, रिंग और हेलमेट: ‘साथ जिएंगे, हेलमेट पहनेंगे!’ छत्तीसगढ़ के कपल का अनोखा अंदाज, पढ़ें पूरी खबर
डोंगरगढ़। सगाई का मौका हर जोड़े के लिए खास होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बीरेंद्र साहू और ज्योति साहू ने इसे न केवल यादगार बनाया, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी दिया। डोंगरगढ़ में आयोजित उनकी सगाई समारोह में, इस जोड़े ने रिंग पहनाने के साथ एक अनोखी रस्म निभाई—एक-दूसरे को हेलमेट पहनाया और सड़क सुरक्षा के महत्व को सभी के सामने रखा।
अनोखी पहल ने बटोरी वाहवाही
जारवाही तहसील के निवासी बीरेंद्र साहू और डोंगरगांव करियाटोला की ज्योति साहू ने अपनी सगाई में यह खास पहल की। उन्होंने समारोह में मौजूद सभी मेहमानों से हाथ जोड़कर निवेदन किया, “बाइक चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें।” इस पहल ने वहां मौजूद हर किसी को प्रभावित किया और सड़क सुरक्षा पर ध्यान देने का एक मजबूत संदेश दिया।
पिता की मौत से मिली प्रेरणा
बीरेंद्र के बड़े भाई धर्मेंद्र साहू, जिन्हें “हेलमेट संगवारी” के नाम से जाना जाता है, ने इस जागरूकता अभियान की शुरुआत अपने पिता की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद की। धर्मेंद्र बताते हैं कि उनके पिता ने हेलमेट नहीं पहना था, जिसके कारण सिर पर गंभीर चोट लगने से उनकी जान चली गई। इस घटना के बाद धर्मेंद्र ने प्रण लिया कि वे सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे।
1,000 से अधिक हेलमेट किए दान
धर्मेंद्र अब तक 1,000 से अधिक हेलमेट लोगों को दान कर चुके हैं और नियमित रूप से सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इस अभियान में उनका पूरा परिवार साथ दे रहा है, जिसमें उनकी पत्नी त्रिवेणी, भाई बीरेंद्र, बहू सरिता और मां कुमारी साहू भी शामिल हैं।
समाज और प्रशासन ने की सराहना
इस अनोखी पहल की सराहना स्थानीय प्रशासन और समाज के विभिन्न वर्गों ने की है। डोंगरगांव के मीडिया साथियों ने धर्मेंद्र को “हेलमेट संगवारी” का नाम दिया, जो अब सड़क सुरक्षा के प्रतीक बन चुके हैं।
“साथ जिएंगे, हेलमेट पहनेंगे!”
बीरेंद्र और ज्योति की अनोखी सगाई ने सड़क सुरक्षा को हल्के में लेने वालों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश दिया। उनका कहना था कि, “सिर्फ प्यार ही नहीं, बल्कि अपनों की सुरक्षा का ख्याल रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। हेलमेट पहनकर न केवल खुद की, बल्कि अपनों की जिंदगी बचाई जा सकती है।”
यह अनोखी सगाई सिर्फ एक रस्म नहीं थी, बल्कि यह याद दिलाने का एक तरीका थी कि सुरक्षा के बिना जीवन अधूरा है।