8 नक्सलियों के एनकाउंटर के बाद माओवादियों का पत्र : कहा- वार्ता के लिए तैयार, कल डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा था- मुख्यधारा में लौटें
छत्तीसगढ़ में 8 नक्सलियों के एनकाउंटर के ठीक बाद माओवादियों ने सरकार से बातचीत पर सहमति दी है। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सदस्य ने पत्र लिखकर सरकार से वार्ता को लेकर अपनी सहमति दी है। उन्होंने लिखा कि खून-खराबा रोकने हम बातचीत के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि सुरक्षाबलों ने कल ही 8 नक्सलियों को मार गिराया है।
गुरुवार देर शाम तक 7 नक्सलियों के मारे जाने की खबर थी। 2 माओवादियों की बॉडी नारायणपुर पुलिस और 5 नक्सलियों के शव अबूझमाड़ पुलिस ने बरामद किए हैं। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार भी मिले हैं। मारे गए नक्सलियों की शिनाख्त नहीं हुई है।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बुधवार दोपहर 1 बजे बस्तर से ही नक्सलियों के लिए अपडेट सरेंडर नीति लाने की घोषणा की थी। इसमें खुद नक्सलियों को बताने का मौका दिया कि वे पॉलिसी में क्या चाहते हैं। इस ऐलान के 8 घंटे बाद ही नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू हो गया।
बस्तर में लगातार हो रही मुठभेड़ से बौखलाए और सरकार की तरफ से शांति वार्ता की पहल को लेकर अब नक्सलियों ने प्रतिक्रिया दी है। हार्डकोर नक्सली और सेंट्रल कमेटी सदस्य प्रताप ने मीडिया को एक पत्र भेजा है। जिसमें उसने लिखा है कि बस्तर में हो रहे खून खराबा को रोकने के लिए हम वार्ता के लिए तैयार हैं।
लेकिन इससे पहले कुछ बातें हैं जिसे स्पष्ट करना है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प दो बार वार्ता के लिए अपनी राय दे चुके हैं। लेकिन उस पर सरकार की ओर से ईमानदारी के साथ कुछ भी रिस्पॉन्स नहीं आया है।
पत्र में लिखा कि यह कहा जा रहा है कि हम वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं। माहौल ऐसा बना है कि हमने कुछ शर्त रखी हैं, लेकिन यह गलत है। हम एक जनवादी माहौल में वार्ता चाहते हैं, शांतिपूर्ण माहौल को कायम रखने के लिए बातचीत चाहते हैं। खून खराबा को रोकने के लिए प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं।
नक्सली ने लिखा- छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने वार्ता के लिए पहले कुछ शर्तें रखी हैं। उन्होंने रोड निर्माण का काम बंद न करने की शर्त रखी है, लेकिन हर कोई जानता है कि अपने जल-जंगल-जमीन और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए हम लड़ रहे हैं.