रायपुर। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि मंडल ने 14 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में राज्य GST आयुक्त पुष्पेंद्र कुमार मीणा से मुलाकात की। इस दौरान 21 दिसंबर को होने वाली 55वीं GST काउंसिल बैठक के लिए व्यापारियों से प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों को राज्य GST आयुक्त के समक्ष रखा गया। इन सुझावों में GST सरलीकरण, ई-वे बिल की जटिलताओं, और वैट प्रारूप-18 वार्षिक स्टेटमेंट की तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया गया।
चेंबर के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक संगठनों की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें GST सरलीकरण और व्यापारियों को हो रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में व्यापारियों द्वारा जीएसटी के कुछ प्रावधानों में बदलाव की आवश्यकता जताई गई थी, जिन्हें चेंबर ने सूचीबद्ध किया और राज्य जीएसटी आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया।
प्रतिनिधि मंडल ने GST इनपुट टैक्स क्रेडिट के GSTR-2B के आधार पर मान्यता को वापस लेने, क्रेता के द्वारा सभी प्रमाण देने पर विक्रेता पर ही कार्रवाई करने, न्यूनतम दंड पर पुनर्विचार करने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए धारा 126 का विस्तार कर धारा 73 को शामिल करने की बात की गई। चेंबर ने ई-इनवॉइसिंग के प्रावधानों को 5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों से वापस लेने और GSTR-3B में बदलाव की भी मांग की।
ई-वे बिल की बढ़ती जटिलताओं के कारण व्यापारियों को हो रही परेशानियों को भी चेंबर ने राज्य जीएसटी आयुक्त के सामने रखा। प्रतिनिधि मंडल ने ई-वे बिल की संख्या में वृद्धि को लेकर जीएसटी विभाग पर बढ़ते कार्यभार और छोटे व्यापारियों के लिए होने वाली कठिनाई को उजागर किया। चेंबर ने ई-वे बिल के लिए पहले की छूट को जारी रखने की मांग की। साथ ही, वैट प्रारूप-18 वार्षिक स्टेटमेंट की तिथि वर्ष 2022-23 के लिए फरवरी 2025 और 2023-24 के लिए मार्च 2025 तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया।
राज्य जीएसटी आयुक्त पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने चेंबर के सभी सुझावों पर सकारात्मक रुख अपनाया और आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। इस बैठक में चेंबर अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, उपाध्यक्ष कन्हैया गुप्ता, मंत्री राजेंद्र खटवानी, और टेक्निकल टीम के सदस्य सीए मुकेश मोटवानी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। जीएसटी एडिशनल कमिश्नर प्रतीक जैन और टी.आर. धुर्वे भी बैठक में शामिल हुए।
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