छत्तीसगढ़

मिट्टी से पटी नहर, झाड़ियां उगने से दाढ़ी क्षेत्र के 22 गांवों के खेतों तक नहीं पहुंच रहा पानी

क्षेत्र के सकरी नहर की सफाई नहीं होने के कारण खेतों तक नहर का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। सकरी नहर दाढ़ी ग्राम से अलग होकर

छोटी और बड़ी नहर के रूप में निकलती है, जिसमें बड़ी नहर ग्राम खंडसरा से झाल और छोटी नहर ग्राम मुरकी, देवगांव, बटार नेवासपुर होते हुए रामपुर तक सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। छोटी नहर की सफाई नहीं होने के कारण नहर के किनारे बसे गांव के किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। कंटीली झाड़ियां, पेड़ पौधे से पूरा नहर अटा हुआ है। ऊपरी सतह से मुश्किल से बहकर नाममात्र पानी खेतों तक जा रहा है।

ग्राम हेमाबंद के पूर्व सरपंच मेघराज भारतीय ने बताया कि नहर गहरीकरण की आवश्यकता को लेकर किसानों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से भी मांग की है। शासन से राशि स्वीकृत नहीं होने के कारण छोटी नहर का गहरीकरण नहीं हो पाया और न ही लाइनिंग रिमाडलिंग का कोई कार्य स्वीकृत हो पाया। इस कारण नहर से खेतों तक पानी ले जाने में किसानों को दिक्कत हो रहीं है। इसी प्रकार क्षेत्र के किसान रामचंद्र चंद्राकर, चंद्रपाल साहू ने बताया कि नहर गहरीकरण की जरूरत है। कई स्थानों से नहर पूरी तरह से मिट्टी से पट चुका है। लगातार नहर मरम्मत की मांग के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। छोटी नहर के आसपास बसे लगभग 22 गांव के किसानों को प्रतिवर्ष सिंचाई के लिए दिक्कत होती है। किसानों की समस्या को लेकर सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री सीएस शिवहरे ने दावा किया है कि शिकायत मिलने पर तत्काल किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। यहां चार कर्मचारी फील्ड में तैनात हैं, जो किसानों को सहयोग कर रहे हैं।

अभी कम बारिश हुई, नहर के भरोसे कृषि कार्य: क्षेत्र के किसानों ने बताया कि वर्तमान में कम बारिश हुई है। ऐसे में इस नहर के माध्यम से जैसे-तैसे सिंचाई की जाती है। छोटी सकरी नहर से ग्राम दाढ़ी, मुरकी, देवगांव, परसवाड़ा, बटार, नेवासपुर सुरकी, हेमाबंद ,सेदरी, मोहतरा, खंडसरा, घाणाडीह, लावातरा, चमारी, रामपुर, हेमाबंद, नवागांव, बंधी, सेमरिया समेत अन्य गांव तक पानी की आपूर्ति की जाती है। नहर से आसपास के गांव वाले निस्तारी के लिए शासकीय तालाब को भी प्रतिवर्ष भर लेते हैं। कई स्थानों पर नहर के कट जाने के कारण नहर का पानी सीधे सकरी नदी में पहुंच रहा है। अंचल के किसान पिछले 20 वर्षों से लगातार छोटी सकरी नहर की रिमाडलिंग लाइनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर व फाल निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से मांग कर रहे हैं जो अधूरी है।

ग्राम दाढ़ी से दो अलग-अलग हिस्सों में होकर बहने वाली छोटी और बड़ी सकरी नहर के लेकर शुरू से ध्यान नहीं दिया गया। छोटी नहर में मरम्मत और गहरीकरण की जरूरत है। लगभग 20 किलोमीटर लंबी सकरी नहर झाड़ियों से भरा पड़ा है। कई स्थानों पर छोटी नहर का अस्तित्व ही समाप्त हो चुका है। लंबे समय से नहर का गहरीकरण नहीं होने के कारण अव्यवस्थित और नियमित रूप से पानी का बहाव भी नहीं हो पा रहा है।

किसान अपनी जरूरत के आधार पर स्वयं श्रमदान करके नहर से खेतों तक पानी पहुंचते हैं। ग्राम मुरकी के किसान पवन कुर्रे ने बताया कि सकरी नहर से प्रति वर्ष सिंचाई मिलने से ही उन्हें धान फसल का उत्पादन मिल पाता है। लेकिन, नहर गहरीकरण नहीं होने के कारण खेत तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इस नहर से लगभग 25 हजार एकड़ कृषि भूमि को प्रतिवर्ष सिंचाई का लाभ मिलता है। शासन प्रशासन ध्यान दे तो सकरी नहर को किसानों के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है।

Muskan Sharma

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