SEBEX 2 : ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत ने बनाया दुनिया का सबसे ताकतवर गैर-परमाणु विस्फोटक
भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (EEL) के वैज्ञानिकों ने SEBEX-2 नामक एक अत्यधिक घातक विस्फोटक पदार्थ विकसित किया है। यह ट्राइनाइट्रोटॉल्विन (TNT) से 2.01 गुना अधिक घातक है। इस विस्फोटक को दुनिया के सबसे ताकतवर गैर-परमाणु विस्फोटकों में से एक माना जा रहा है। भारतीय नौसेना ने इसका प्रमाणन परीक्षण भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
क्या है SEBEX-2?
SEBEX-2 उच्च-पिघलने वाले विस्फोटक (HMX) पर आधारित है और इसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु विस्फोटकों में से एक बताया जा रहा है। यह TNT की तुलना में 2.01 गुना अधिक घातक है और बमों, तोप के गोलों और वॉरहेड्स की मारक क्षमता को बिना वजन में वृद्धि किए बहुत अधिक बढ़ा सकता है।
कितना घातक है SEBEX-2?
विस्फोटक पदार्थों की क्षमता को TNT से तुलना कर मापा जाता है। भारत के सबसे घातक पारंपरिक विस्फोटक TNT की तुलना में SEBEX-2 2.01 गुना अधिक घातक है। यह ब्रह्मोस बम में इस्तेमाल किए जाने वाले TNT की तुलना में भी अधिक प्रभावी है।
भारतीय नौसेना ने किया परीक्षण
भारतीय नौसेना ने अपनी रक्षा निर्यात संवर्धन योजना के अंतर्गत SEBEX-2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह हल्का विस्फोटक पदार्थ हथियारों की क्षमता को कई गुना बढ़ा सकता है, जबकि उनके वजन में कोई वृद्धि नहीं होगी। उम्मीद है कि इस विस्फोटक के प्रति कई देशों की सेनाएं रुचि दिखाएंगी, जिससे भारत का सैन्य निर्यात बढ़ेगा।
और भी घातक विस्फोटक बना रहा EEL
EEL एक और विस्फोटक विकसित कर रहा है, जो TNT से लगभग 2.3 गुना अधिक शक्तिशाली होगा। उम्मीद है कि यह नया विस्फोटक अगले 6 महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके अलावा, नौसेना ने SITBEX-1 को भी प्रमाणित किया है, जो EEL का पहला थर्मोबैरिक विस्फोटक है। यह दुश्मन के बंकरों और सुरंगों जैसी जगहों को निशाना बनाने में अत्यधिक प्रभावी है।
SEBEX 2 आखिर कितना घातक?
फर्स्ट पोस्ट की अनुसार , यह विस्फोटक मानक टीएनटी से 2.01 गुना अधिक घातक है. उच्च-पिघलने वाले विस्फोटक (एचएमएक्स) पर आधारित एसईबीईएक्स 2 को दुनिया के सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु विस्फोटकों में से एक माना जाता है.
इंडियन नेवी ने अपनी रक्षा निर्यात संवर्धन योजना के अंतर्गत SEBEX 2 की क्षमता का परीक्षण किया है और इसे प्रमाणित भी कर चुकी है. यह चंद सेकेंड में युद्ध की पूरी दिशा बदल देगा. सबसे खास बात, एसईबीईएक्स 2 बमों, तोपों के गोलों में बिना कोई ज्यादा वजन बढ़ाए समा सकता है, लेकिन वह इतनी तबाही मचा सकता है, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. ऐसा माना जा रहा है कि इसमें निर्यात की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि दुनिया भर की सेनाएं अपनी वर्तमान हथियार प्रणालियों को उन्नत बनाना चाहती हैं.
अब तक भारत का सबसे घातक पारंपरिक विस्फोटक ब्रह्मोस बम लगाया जाता है, उसकी टीएनटी लगभग 1.50 है. वर्तमान विस्फोटक इससे दोगुना ज्यादा है. एसईबीईएक्स 2 को लड़ाकू विमानों, तोपखाने के गोलों और अन्य मिसाइलों में इस्तेमाल कर सकते हैं. यह विस्फोट करते ही फ्रेगमेंटेशन इफेक्ट के जरिए तबाही मचा देगा. विस्फोटक को 6 महीने में तैयार किया जाएगा. यह दुश्मन के बंकरों, सुरंगों और किलेबंद ठिकानों को निशाना बनाने के काम आएगा. इसका इस्तेमाल करना काफी आसान है. इसके फटने से हादसा होने की संभावना भी काफी कम है.