राधिका खेड़ा बोली- मुझे कमरे में बंद किया, चीखती-चिल्लाती रही:इस्तीफे के बाद कहा- मुझे राहुल गांधी की यात्रा के दौरान शराब ऑफर की गई
छत्तीसगढ़ में विवाद के बाद राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा ।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेताओं से विवाद में इस्तीफे के बाद दिल्ली में राधिका खेड़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही है। उन्होंने कहा कि राजीव भवन में मुझे बंद किया गया। मैं चीखती-चिल्लाती रही। राहुल गांधी की यात्रा के दौरान मुझे शराब ऑफर की गई। छत्तीसगढ़ में लगातार अपमानित किया गया। मुझे डिबेट में रोका गया। मुझे गालियां दी गई। भूपेश बघेल ने मुझे कहा छत्तीसगढ़ छोड़ दो। कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने फोन नहीं उठाया।
राधिका खेड़ा ने कहा कि मैंने छोटे से लेकर बड़े स्तर तक के कांग्रेस नेताओं तक गुहार लगाती रही, लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला। मैं अयोध्या धाम दर्शन करने गई थी। रामलला का दर्शन करने पर विरोध इस कदर से होगा, मैंने कभी नहीं सोचा था।
राधिका ने आगे कहा है जब से रामलला के दर्शन करके आई हूं, मुझे निरंतर विरोध का सामना करना पड़ा। मेरे साथ इस तरह से व्यवहार और बर्ताव किया जाएगा, यह मैंने कभी नहीं सोचा था।
मैं हिंदू हूं.. सनातन धर्म की अनुयायी
राधिका ने कहा कि मैं एक हिंदू हूं, मैं एकसनातन धर्म की अनुयायी हूं, इसलिए मुझे न्याय नहीं मिला। क्या आपकी (कांग्रेस) लड़ाई रामलला से है या आपकी लड़ाई किसी राजनीतिक दल से है? इस पार्टी को फैसला करना होगा। मैंने 6 दिनों तक इंतजार किया और न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए 22 साल बाद मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
इससे पहले रविवार शाम को कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं और अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं। हां मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं, और वही अब मैं कर रहीं हूं। अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी।’
दरअसल, राधिका खेड़ा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं के बीच विवाद हुआ था। मामला मंगलवार का बताया जा रहा है, जब मीडिया में बयान देने को लेकर नेताओं में विवाद हो गया। कहा जा रहा है कि रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में राधिका खेड़ा स्थानीय नेताओं और प्रवक्ताओं के साथ मौजूद थीं, विवाद तभी हुआ। अटकलें हैं कि राधिका भाजपा ज्वाइन कर सकती हैं।
पहले जानिए खेड़ा ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा…
आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं। वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं।
हर हिंदू के लिए प्रभु राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लल्ला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई।
मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुँच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया। मैंने हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, किंतु जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया।
प्रभु श्री राम की भक्त व एक महिला होने के नाते मैं बेहद आहत हूँ। बार बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला, इससे आहत होकर मैंने आज यह कदम उठाया है।
अब जानिए क्या था मामला और अब तक क्या हुआ…
1 मई : राधिका ने बुधवार को ‘X’ पर पोस्ट किया। इसमें लिखा- ‘मेरी 40 साल की उम्र में मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। मेरी इतनी बेइज्जती कभी नहीं हुई। मैं जब उससे बात करती हूं, वो मुझ पर चिल्लाता है।’ रायपुर स्थित कांग्रेस के राजीव भवन में ये बात पार्टी की नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर राधिका खेड़ा ने रोते-बिलखते हुए कही। इसके बाद उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि क्या पुरुषत्व-विहीन हुई ये धरा..।
इस ट्वीट के बाद ही सारा मामला सामने आया। चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी के मीडिया के काम में दखलअंदाजी को लेकर बहस शुरू हुई। तू-तू, मैं-मैं इस कदर बढ़ी की राधिका खेड़ा रोने लगीं। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी पीसीसी चीफ दीपक बैज और पार्टी के बड़े नेताओं को दी गई।
2 मई : इस पूरी घटना का वीडियो सामने आने के बाद पवन खेड़ा ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखकर 24 घंटे के भीतर ही जवाब मंगा था।
3 मई : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बारी-बारी से राधिका खेड़ा और सुशील आनंद शुक्ला से करीब 3 घंटे से ज्यादा देर तक चर्चा की। इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता नितिन भंसाली, सुरेंद्र वर्मा, मीडिया पैनलिस्ट परवेज आलम, दीपक पांडेय भी मौजूद रहे।
5 मई : राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘मैंने कभी पार्टी लाइन नहीं पार की, मैंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम किया है। सिर्फ इसलिए कि मैंने अयोध्या का दौरा किया, सिर्फ इसलिए कि मैं एक हिंदू हूं, मैं सनातन धर्म की अनुयायी हूं। मुझे न्याय नहीं मिला। क्या आपकी (कांग्रेस) लड़ाई रामलला से है या आपकी लड़ाई किसी राजनीतिक दल से है ? इस पार्टी को फैसला करना होगा। मैंने 6 दिनों तक इंतजार किया और न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए 22 साल बाद मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।’
दीपक बैज ने कहा- AICC को रिपोर्ट भेजी है
राधिका के इस्तीफे के बाद सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, आरोप लगाना मेरी फितरत में नहीं है। जो सफाई देनी थी जो बात रखनी थी वह मैंने पार्टी नेतृत्व के सामने रख दी है। वह मेरी छोटी बहन की जैसी थीं, हैं और रहेंगी। जहां भी रहें मेरी शुभकामनाएं साथ हैं।
वहीं, पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि, खड़गे जी को राधिका जी ने चिट्ठी लिखी है यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। राम मंदिर कोई भी जा सकता है देश का हर नागरिक जा सकता है। इसको किसी जाति धर्म मंदिर से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
संचार विभाग के पदाधिकारी पर कार्रवाई के सवाल पर बैज ने कहा कि, मैंने सभी लोगों से वन टू वन चर्चा की है, मैंने अपनी पूरी रिपोर्ट AICC को भेज दी है। अब AICC को निर्णय लेना है।
भाजपा प्रवेश की अटकलें तेज
अब चर्चा है कि राधिका कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर सकती हैं। हालांकि इसे लेकर कांग्रेस या राधिका की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। इस विवाद के बाद लगातार ये चर्चा बनी रही कि वो भाजपा प्रवेश कर सकती हैं।
‘प्रियंका अपनी पार्टी की नेता को ही न्याय नहीं दे पाईं’
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि प्रियंका गांधी अपनी ही पार्टी की महिला नेता को न्याय नहीं दे पाईं। लड़की हूं लड़ सकती हूं कहकर राधिका जी ने इस्तीफा दे दिया है। क्या उन्हें इस बात की सजा मिली कि राधिका जी ने राम के धाम अयोध्या जाकर दर्शन किए जिसे कांग्रेस नकारती रही। कांग्रेसी महिलाओं के साथ लगातार अत्याचार कर रहे हैं ये उनके डीएनए में है।