कंगना रनौत की इमरजेंसी पर रोक लगाने की मांग, कोर्ट में हुई सुनवाई; सेंसर बोर्ड ने क्या कहा
बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत की विवादों में फंसी फिल्म इमरजेंसी की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सेंसर बोर्ड ने कोर्ट में जवाब दिया है कि अभी तक इस फिल्म को सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है। फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुनने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। गौरतलब है कि कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी का पंजाब में विरोध हो रहा है। फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई है। इसके अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कंगना रनौत को कानूनी नोटिस भी भेजा है।
सेंसर बोर्ड का अच्छा फैसला : ग्रेवाल
कंगना की फिल्म इमरजेंसी 6 सितंबर को सिनेमा घरों में रिलीज होनी है, लेकिन अब सेंसर बोर्ड के इस जवाब के बाद फिल्म की रिलीज अटक सकती है। फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा ने याचिका दायर की गई थी। जिसकी आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस बारे में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। इस में साफ कहा गया था कि इस फिल्म का विरोध इसलिए नहीं हो रहा कि इस में कंगना रनौत है बल्कि इस लिए किया जा रहा है कि फिल्म इमरजेंसी में सिखों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। यह सिख समुदाय के प्रति एक साजिश है। अब अगर सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट न देने की बात कही है तो यह बहुत अच्छा कदम है। यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं बल्कि यह पूरे देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है।
कंगना ने सेंसर बोर्ड पर लगाया था सर्टिफिकेट रोकने का आरोप
एक दिन पहले कंगना रनौत ने वीडियो जारी कर अपनी फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोकने का आरोप लगाया था। कंगना ने कहा था कि सेंसर बोर्ड को धमकियां आ रही हैं, जिसके चलते फिल्म की रिलीज को रोका गया है। वहीं, पंजाब में बढ़ते विरोध को देखते हुए पंजाब सरकार भी फिल्म इमरजेंसी पर रोक लगा सकती है। पंजाब में आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बीते दिन ऐसे संकेत दिये थे।