खुल गए जगन्नाथ मंदिर के चारों गेट, BJP ने चुनाव में किया था वादा, जानिए अभी तक क्यों थे बंद
जगन्नाथ मंदिर के कपाट खुलने को लेकर बड़ा विवाद था, जिसके चलते बीजेपी ने दावा किया था अगर ओडिशा में उसकी सरकार बनती है, तो मंदिर के सभी गेट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे।
जगन्नाथ मंदिर के भक्तों के लिए आज एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब भक्तों को भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि कोरोना काल के बाद से बंद मंदिर के तीन दरवाजे आज भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। बीजेपी ने मंदिर के सभी चारों कपाट खोलने को लेकर ओडिशा विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ा वादा किया था, जिसको लेकर पहली कैबिनेट बैठक में बड़े फैसले हुए हैं।
अपने उसी चुनावी वादे के तहत बीते दिन शपथ लेने वाले बीजेपी नेता और राज्य के नए सीएम मोहन चरण माझी ने अपनी कैबिनेट के साथियों की मौजूदगी में मंगला आरती के साथ ही मंदिर के सभी कपाट खुलवा दिए है। सीएम माझी के साथ इस दौरान पुरी से लोकसभा सांसद संबित पात्रा से लेकर पूर्व मंत्री प्रताप सारंगी भी मौजूद थे।
कैबिनेट ने कल ही पास किया था प्रस्ताव
मंदिर के कपाट खुलने के बाद सीएम मोहन चरण माझी ने कहा है कि हमने कल की कैबिनेट बैठक में जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वार खोलने का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव पारित हो गया और आज सुबह 6:30 बजे मैं अपने विधायकों और पुरी के सांसद (संबित पात्रा) के साथ ‘मंगला आरती’ में शामिल हुा था।
सीएम माझी ने कहा है कि जगन्नाथ मंदिर के विकास और अन्य कार्यों के लिए, हमने कैबिनेट में एक फंड का प्रस्ताव रखा है। जब हम अगला राज्य बजट पेश करेंगे, तो हम मंदिर प्रबंधन के लिए 5 करोड़ रुपये का एक कोष आवंटित करेंगे।
कैबिनेट में लिए गए कई बड़े फैसले
बता दें कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर के लिए 500 करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड को भी सीएम माझी की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने सुभद्रा योजना लागू करने की घोषणा की थी, इस योजना को भी कैबिनेट ने अपनी हरी झंडी दिखा दी है।
गौरतलब है कि सुभद्रा योजना के तहत हर महिला को 50,000 रुपए का नकद वाउचर दिया जाएगा। इस वाउचर की समय सीमा दो साल तक होगी। इसे दो साल के अंदर भुनाया जा सकता है। इसके अलावा किसानों का भी ख्याल किया और धान का MSP 3100 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है।
क्यों बंद थे जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे?
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सरकार के कार्यकाल में कोरोना के चलते मंदिर के तीन द्वार बंद किए गए थे। वहीं कोविड महामारी कम होने के बाद भी सिंह द्वार खोला गया था, जबकि अश्व द्वार, व्याघ्र द्वार और हस्ति द्वार 5 साल से बंद थे। इसके कारण मंदिर में लोगों की भारी भीड़ और लंबी कतारें लगी रहती थीं। बीजेपी ने वादा किया था कि वह सरकार में आने पर सारे दरवाजे खोलने का आदेश देगी और बीते दिन शफत लेने के बाद सीएम माझी की कैबिनेट का बड़ा फैसला यही था।.