कबीरधाम जिले में 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो चुकी है। 26 दिन में 16717 किसानों से 70691 टन यानी 641297.96 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। नियमानुसार खरीदी के 3 दिन के भीतर केंद्रों से धान का परिवहन होना है। लेकिन अधिकांश केंद्र में उठाव शुरू नहीं हो पाया है।
भास्कर पड़ताल से पता चला कि कस्टम मिलिंग करने वाले राइस मिलर्स को डीएमओ (जिला विपणन विभाग) ने करीब 100 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है। वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021- 22 और 2022-23 में किए गए धान की कस्टम मिलिंग का भुगतान पेंडिंग हैं। चालू विपणन वर्ष 2023-24 में धान की कस्टम मिलिंग के लिए एग्रीमेंट करने राइस मिलर्स को बैंक गारंटी के लिए 10 प्रतिशत राशि जमा करना होता है। पिछले 3 साल का भुगतान बकाया होने से राइस मिलर्स बैंक गारंटी का पैसा देने की स्थिति में नहीं है। जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन के मिलन अग्रवाल बताते हैं कि वर्ष 2019- 20 से 2021- 22 के मिलिंग का पैसा बकाया है। अभी 2022- 23 का भी चल रहा है। पूरे छग में मिलरों का करीब 4500 करोड़ रुपए भुगतान पेंडिंग हैं, जिसमें 100 करोड़ रुपए जिले के मिलरों का है। मिलिंग करने बैंक गारंटी देना पड़ती है, उतने भी पैसे नहीं हैं।
61 में से सिर्फ 16 मिलर्स से अनुबंध, उसमें भी कई नए कबीरधाम जिले में कस्टम मिलिंग करने बीते साल 61 राइस मिलर्स से अनुबंध हुआ था। इस सत्र में केंद्रों से धान परिवहन करने सिर्फ 16 राइस मिलर्स से अनुबंध हो पाया है। उसमें भी 8 मिलर नए बताए जा रहे हैं। पिछले 3 साल के कस्टम मिलिंग का करोड़ों रुपए भुगतान नहीं होने से पुराने मिलर्स इस बार एग्रीमेंट (अनुबंध) नहीं करा पाए हैं।
जानिए, इस सीजन में लिंकिंग से 60.93 करोड़ ऋण वसूली इस वर्ष खेती-किसानी के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के जरिए किसानों ने केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) से 439 करोड़ रुपए ऋण लिया है। केंद्रों में धान बिक्री के दौरान लिंकिंग से ऋण वसूली जा रही है। अब तक 16717 किसानों से 641297.96 क्विंटल धान खरीदी कर लिंकिंग से 60.93 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं। वहीं किसानों को खाते में धान खरीदी के 155.10 करोड़ रुपए भुगतान किया जा चुका है।
जिला विपणन अधिकारी टिकेन्द्र कुमार राठौर का कहना है कि जिले में 108 केंद्रों के जरिए किसानों से धान खरीदी जारी है। कस्टम मिलिंग के लिए 18 राइस मिलर से अनुबंध कर लिया गया है। शासन स्तर से जैसे-जैसे कस्टम मिलिंग की राशि हमें मिल रहा है, वैसे ही राइस मिलर्स को भुगतान किया जा रहा है।