छत्तीसगढ़ के देवी मंदिर में आस्था का सैलाब:चैत्र नवरात्र के पहले दिन डोंगरगढ़ समेत देवी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना
मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। प्रदेश के प्रमुख देवी मंदिरों में मंगलवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं के भीड़ लगी रही। डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर, रायपुर की पुरानी बस्ती स्थित मां महामाया मंदिर, रतनपुर मंदिर में नवरात्र पर खास सजावट भी की गई है।
रायपुर की पुरानी बस्ती स्थित मां महामाया मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों के लिए घर बैठे दान और दर्शन की सुविधा दी है। इसे लेकर UPI भी जारी किया गया है। माता को शृंगार का सामान चढ़ाने और अपने नाम से भोग लगाने के लिए लोग घर बैठे इस सुविधा का फायदा ले सकते हैं।
मां बम्लेश्वरी मंदिर में 10 हजार ज्योति कलश प्रज्ज्वलित
राजनांदगांव में डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में भी इस बार 10 हजार ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं। मां के दर्शन के लिए पहले दिन ही भक्तों का सैलाब उमड़ पडा है। डोंगरगढ़ देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। यहां आदि शक्ति मां बगलामुखी को समर्पित दो मंदिर हैं। एक 1600 फीट की ऊंचाई और दूसरा मंदिर नीचे समतल जमीन पर स्थित है।
वॉट्सऐप और यूट्यूब चैनल दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु
रायपुर के महामाया मंदिर के अकाउंट सेक्शन हेड भावेश शुक्ला ने बताया कि इस चैत्र नवरात्र में देवी दर्शन के लिए पहली बार वॉट्सऐप चैनल बनाया गया है। इसके माध्यम से लोग ऑनलाइन दर्शन कर पाएंगे। वहीं मंदिर ट्रस्ट की ओर से यूट्यूब चैनल भी बनाया गया है, जिसमें समय-समय पर आरती भी लाइव प्रसारित की जाएगी।
भावेश शुक्ला ने बताया कि कि रोजाना महामाया देवी का शृंगार 2 समय होता है। सुबह 3 बजे और अपराह्न 3 बजे। शृंगार के दौरान माता को 5-5 नौवारी साड़ी पहनाई जाती है। नौवारी साड़ी महाराष्ट्र की परम्परागत वेशभूषा है।
मंदिर में मनोकामना ज्योति के साथ 7 राज ज्योति जलाई गई हैं। मंदिर में राज ज्योत जलाने की प्राचीन परंपरा है। मंदिर में महामाया देवी, समलेश्वरी देवी, बटुक भैरव, काल भैरव, भगवान शंकर, हनुमान जी और नरसिंह नाथ जी के नाम से राज ज्योत जलाई जाती है ।
9 रूपों में माता रानी की पूजा-अर्चना
नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सालभर में कुल 4 नवरात्रि आती हैं, जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व काफी ज्यादा होता है। माना जाता है कि नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना करने से खास कृपा होती है।
मां दुर्गा की सवारी वैसे तो शेर है, लेकिन जब वह धरती पर आती हैं, तो उनकी सवारी बदल जाती है। इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर आएंगी। डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में भी इस बार 10 हजार ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं। मां के दर्शन के लिए पहले दिन ही भक्तों का सैलाब उमड़ पडा है।
रतनपुर के महामाया मंदिर में 22 हजार ज्योति कलश प्रज्ज्वलित
महामाया मंदिर रतनुपर समेत शहर के देवी मंदिरों में घटस्थापना के बाद विधि-विधान से पूजा आराधना कर ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किया गया है। मंदिरों और घरों में परंपरानुसार जवारे भी बोए गए हैं। महामाया मंदिर में इस बार 22 हजार ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं।
भक्तों को 19 घंटे माता के दर्शन होंगे
यहां नवरात्र के दौरान भक्तों को 19 घंटे माता के दर्शन होंगे। सुबह छह से रात 12 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। वहीं, सप्तमी पर पूरी रात मंदिर खुला रहेगा। जिले के मल्हार स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक डिड़िनेश्वरी देवी मंदिर में 3100 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं।
अंबिकापुर के महामाया मंदिर में भक्तों का तांता
चैत्र नवरात्र के पहले दिन अंबिकापुर में मां महामाया मंदिर समेत शक्तिपीठों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा है। भक्तों की कतार सुबह चार बजे से ही लग गई थी। पहले दिन हजारों श्रद्धालुओं ने महामाया मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की। मां महामाया मंदिर में हजारों ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जा गए हैं।
अंबिकापुर के दुर्गा मंदिर गांधी चौकी, संत हरकेवल दुर्गा मंदिर समेत काली मंदिर और दूसरे देवी मंदिरों में भी सुबह से ही भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। नवरात्र पर मां महामाया मंदिर में भीड़ को देखते हुए इस बार पुलिस ने पार्किंग और फोर व्हीलर व्हीकल्स की एंट्री के लिए अलग से रूट चार्ट जारी किया है।