मणिपुर स्टूडेंट्स मर्डर केस में 4 गिरफ्तार:इनमें 2 महिलाएं, चुराचांदपुर में बंद का ऐलान; 6 अक्टूबर तक इंटरनेट बैन
बंद का ऐलान; 6 अक्टूबर तक इंटरनेट बैन
मणिपुर में 2 स्टूडेंट्स की हत्या के आरोप में CBI ने रविवार को 4 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें 2 महिलाएं हैं। इन्हें चुराचांदपुर से पकड़ा गया है। जांच एजेंसी सभी आरोपियों को असम के गुवाहाटी ले गई है।
गिरफ्तार लोगों में हत्या का मुख्य आरोपी और उसकी पत्नी भी है। CBI उनकी दो बेटियों को भी साथ ले गई है, जिनकी उम्र 9 और 11 साल है। बेटियां नाबालिग हैं, इसीलिए उन्हें किसी रिश्तेदार को सौंप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री एन बीरेन ने भी चार लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। इनके नाम पाओमिनलुन हाओकिप, एस. मालस्वान हाओकिप, लिंग्नेइचोन बाइट और टिन्नुपिंग हैं। उन्होंने कहा कि हम दोषियों को मौत की सजा दिलाएंगे।
आरोपियों की गिरफ्तारी का विरोध शुरू
उधर, चार आरोपियों के गिरफ्तारी का विरोध भी शुरू हो गया है। चुराचांदपुर में प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तार लोगों को बेकसूर बताते हुए 48 घंटे में रिहाई की मांग की। उन्होंने रविवार रात से जिले में बंद का ऐलान कर दिया। इसके बाद राज्य में सेल्युलर इंटरनेट बैन 6 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया।
वहीं, लापता बच्चों के परिजन ने दैनिक भास्कर से कहा कि जब तक शव बरामद नहीं हो जाते, तब तक उन्हें शांति नहीं मिलेगी।
मणिपुर में 23 सितंबर को इंटरनेट बहाली के बाद मैदानी इलाकों से 27 और पहाड़ से 14 युवाओं के गायब होने की जानकारी सामने आई थी। इनका अब तक पता नहीं चला है।
कुकी समुदाय ने NIA पर लगाया लोगों के अपहरण का आरोप
कुकी संगठन ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पर कुकी समाज के 2 नाबालिगों सहित 7 लोगों के अपहरण का आरोप लगाया है। इसके विरोध में चुराचांदपुर जिले में रविवार रात 10 बजे से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की गई है। कुकी लोगों ने चेतावनी दी कि सभी 7 लोगों को 48 घंटे में रिहा करें, नहीं तो वे आंदोलन करेंगे।
संगठन ने सभी पहाड़ी जिलों के लोगों से अपील की कि मैतेई इलाकों से लगी सीमा से सील करें। बंद के दौरान सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। जल आपूर्ति, प्रेस-मीडिया, चिकित्सा, बिजली और आईटीएलएफ कर्मचारी को शटडाउन से छूट दी गई है।
चुराचांदपुर को लम्का जिला कहते हैं कुकी
कुकी समुदाय ने अपनी विज्ञप्ति में चुराचांदपुर को लम्का लिखा है। कुकी बहुल इस जिले का आधिकारिक नाम चुराचांदपुर ही है। कुकी लोग अब इसे लम्का कहने लगे हैं, क्योंकि इस जिले का नाम मणिपुर के मैतेई राजा चुराचांद के नाम पर रखा गया था। कुकी समुदाय का मैतेई से विरोध है, इसलिए वे लम्का ही कहने लगे हैं और दूसरों को भी इसी नाम का इस्तेमाल करने के लिए कहते हैं।
23 सितंबर को स्टूडेंट्स की डेड बॉडी की तस्वीर वायरल हुई थी
23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट से बैन हटने के बाद दोनों स्टूडेंट्स के शवों की फोटो सामने आई थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में दोनों की बॉडी जमीन पर पड़ी हुई नजर आ रही है। साथ ही लड़के का सिर कटा हुआ है। हालांकि दोनों के शव अभी तक नहीं मिले हैं।
जुलाई में दोनों स्टूडेंट्स एक दुकान में लगे CCTV कैमरे में 6 जुलाई को दिखाई दिए थे, लेकिन उसके बाद से उनका पता नहीं चल सका है।
सोशल मीडिया पर ये दो तस्वीरें वायरल हुई थीं…
पहली तस्वीर- इसमें दो स्टूडेंट्स- 17 साल की हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 साल का फिजाम हेमजीत बैठे हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में छात्रा एक सफेद टी-शर्ट में है, जबकि हेमजीत चेक शर्ट में है और बैकपैक पकड़े हुए है। उनके पीछे दो बंदूकधारी भी नजर आ रहे हैं।
दूसरी तस्वीर: इस तस्वीर में दोनों स्टूडेंट्स के शव झाड़ियों के बीच पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह तस्वीर मणिपुर के किस इलाके की है। पुलिस और जांच एजेंसी शव ढूंढने की कोशिश कर रही हैं।
19 जुलाई को महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था
मणिपुर में 3 मई से हिंसा शुरू हुई थी और 4 मई को ही दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना थोउबाल जिले में हुई। इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले गए और उनसे अश्लील हरकतें कीं।
एक पीड़ित महिला के पति ने बताया- ‘हजार लोगों की भीड़ ने गांव पर हमला किया था। मैं भीड़ से अपनी पत्नी और गांव वालों को नहीं बचा पाया। पुलिसवालों ने भी हमें सुरक्षा नहीं दी। भीड़ तीन घंटे तक दरिंदगी करती रही। मेरी पत्नी ने किसी तरह एक गांव में पनाह ली।’
वहीं, वीडियो में दिख रही दूसरी महिला की मां ने कहा- ‘अब हम कभी अपने गांव नहीं लौटेंगे। वहां मेरे छोटे लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी गई, मेरी बेटी को शर्मिंदा किया गया। अब मेरे लिए सब कुछ खत्म हो चुका है।’
अब तक 175 की मौत, 1100 घायल
मणिपुर में पिछले 4 महीने से चल रही जातीय हिंसा में अब तक 175 लोग मारे गए हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इतना ही नहीं 5172 आगजनी के केस सामने आए, जिनमें 4786 घरों और 386 धार्मिक स्थलों को जलाने और तोड़फोड़ करने की घटनाएं शामिल हैं।
हिंसा के बाद 65 हजार से ज्यादा लोगों ने घर छोड़ा
मणिपुर में अब तक 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं। पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गईं हैं।
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मणिपुर कोर्ट से 5 आरोपियों को जमानत
मणिपुर की स्पेशल NIA कोर्ट ने 22 सितंबर को अत्याधुनिक हथियार रखने और पुलिस की वर्दी पहनने के आरोप में गिरफ्तार पांच आरोपियों को जमानत दे दी। आरोपियों को जमानत शर्तों के साथ 50 हजार रुपए का पर्सनल बॉन्ड भरने के बाद मिली है। हालांकि कोर्ट ने सभी को हर 15 दिन में कोर्ट में मौजूद रहने कहा है। पढ़ें पूरी खबर…
NIA ने मणिपुर से संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किया
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने मणिपुर से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी के अधिकारी ने शनिवार 23 सितंबर को यह जानकारी दी। उनका दावा है कि आरोपी म्यांमार स्थित टेरर ग्रुप का सदस्य है। वो मणिपुर में हो रही जातिया हिंसा का इस्तेमाल देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए करने की साजिश कर रहा था।