स्वतंत्रता दिवस से पहले सेना का कैप्टन शहीद, आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में स्वतंत्रता दिवस से पहले आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ चल रही है. इस बीच इंडियन आर्मी की तरफ पुष्टि की गई है कि एनकाउंटर के दौरान सेना का एक अफसर शहीद हो गया है. रक्षा अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना के 48 नेशनल राइफल्स के एक कैप्टन शहीद हो गए हैं. बता दें कि डोडा इलाके में सेना का ऑपरेशन अभी जारी है. इससे पहले खबर आई थी कि इलाके में एक आतंकवादी घायल हुआ है, जिसके बाद सेना ने एंटी-टेरर ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान एम-4 राइफल और तीन बैग बरामद हुए हैं.
डोडा जिले में पिछले महीने सेना और आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई थी. आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हुए एक अधिकारी सहित 5 जवानों की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी. मुठभेड़ तब हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (SOG) के जवानों ने डोडा शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र में धारी गोटे उरारबागी में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया. थोड़ी देर की गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की. एक अधिकारी के नेतृत्व में बहादुर सैनिकों ने चुनौतीपूर्ण इलाके में घने जंगलों के बीच उनका पीछा किया, जिसके बाद रात 9 बजे के आसपास जंगल में एक और मुठभेड़ हुई. अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.
डोडा के गढी भगवा इलाके में 9 जुलाई की शाम शुरू हुए एनकाउंटर में सेना और आंतकियों की तरफ से लगातार फायरिंग हुई. इलाके में 2-3 आतंकियों के फंसे होने की आशंका थी. हालांकि, वे भागने में कामयाब रहे. जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 8 जुलाई को आतंकियों ने घात लगाकर सेना के दो ट्रकों पर हमला किया था, जिसमें एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए थे. दोपहर के 3.30 बजे थे और कठुआ से करीब 123 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बडनोटा में दो ट्रकों में सेना के करीब 12 जवान जा रहे थे.
आतंकियों ने घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर फायरिंग की थी. सेना के जवान जब तक संभले और काउंटर फायरिंग शुरू की, तब तक आतंकी जंगल में भागने में कामयाब रहे. इस हमले की जिम्मेदारी भी कश्मीर टाइगर्स ने ली थी. इसमें 3 से 4 आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आई थी, जो एडवांस हथियारों से लैस थे. लोकल गाइड ने इस हमले में आतंकियों की मदद की थी. सुरक्षा बलों ने 6 जुलाई को कुलगाम जिले में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में छह आतंकवादियों को मार गिराया था. इस दौरान दो जवान शहीद हो गए थे.